प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाल का निधन

Safalta Experts Published by: Abhivardhan Bajpayee Updated Wed, 05 Jan 2022 08:56 PM IST

Source: सोशल मीडिया

प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित की जा चुकीं सिंधुताई सपकाल का 4 जनवरी 2022 को 74 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह लम्बे समय से बीमार चल रहीं थीं और दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हो गया।
उल्लेखनीय है कि सिंधुताई को महाराष्ट्र की 'मदर टेरेसा' कहा जाता है। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन अनाथ बच्चों की सेवा में गुजार दिया और लगभग 1400 अनाथ बच्चों को गोद लिया  था। ध्यातव्य है कि सिंधुताई को बच्चों की सेवा के लिए प्रतिष्ठित पद्मश्री समेत कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया।

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सिंधु ताई-

सिंधु ताई का संबंध महाराष्ट्र के वर्धा जिले के चरवाहे परिवार से  है। उनका बचपन अत्यंत कष्टप्रद बीता। जब सिंधुताई नौ साल की थीं तो उनकी शादी अधिक उम्र के व्यक्ति से कर दी गई थी। सिंधु ताई को न तो ससुराल और न ही मायके में रहने के लिए जगह मिली। वह जब गर्भवती थीं तो ससुराल वालों ने उन्हें घर से निकाल दिया और इतना ही नहीं उनके मायके वालों ने भी अपने यहां रखने से मना कर दिया। बाद में उन्होंने अनाथ बच्चों के रहने और खाने की जिम्मेदारी उठाने का निर्णय लिया और इस काम में लग गई। उन्हें इस मानवतावादी कार्य के लिए अब तक 700 से ज्यादा सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2021 में सिंधुताई को भारत सरकार द्वारा पदम श्री सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्हें डी वाई इंस्टिटूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च पुणे की तरफ से डॉक्टरेट की उपाधि भी मिल चुकी है। सिंधुताई के जीवन पर मराठी फिल्म मी सिंधुताई सपकल बनी है जो वर्ष 2010 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म को 54वें लंदन फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित किया जा चुका है।

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