विश्व डाक दिवस का इतिहास और महत्व क्या है
हर साल 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस मनाया जाता है। डाक सेवाओं की उपयोगिता और इसकी संभावनाओं के महत्व को देखते हुए हर साल 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस, यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की ओर से मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य डाक ग्राहकों के बीच डाक विभाग के प्रोडक्ट के बारे में जानकारी देना, उन्हें जागरूक करना और ग्राहकों एवं डाकघरों के बीच सामंजस स्थापित करना है।
आरबीआई द्वारा ही रुपए का पायलट प्रोजेक्ट के क्या उद्देश्य हैं, जाने विस्तार से
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 7 अक्टूबर को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर कॉन्सेप्ट नोट सामान्य रूप से सीबीडीसी और डिजिटल रुपए की नियोजित विशेषताओं के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए जारी किया गया है। आरबीआई जल्द ही विशिष्ट उपयोगों के लिए ई-रुपए के इस्तेमाल के लिए एक पायलट रन करने वाली है।
मुंशी प्रेमचंद्र जी के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से
मुंशी प्रेमचंद्र हिंदी भाषा के महान कवि थे जो एक ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के धनी थे। जिन्होंने हिंदी विषय की कायापलट कर दी थी। मुंशी प्रेमचंद जी एक ऐसे लेखक थे जो समय के साथ बदलते गए और हिंदी साहित्य को एक नया आधुनिक रूप दिया। मुंशी प्रेमचंद ने सरल सहज हिंदी को ऐसा साहित्यिक रूप प्रदान किया जिसे लोग कभी भूल नहीं सकते। बहुत कठिनाइयों का सामना करते हुए भी प्रेमचंद ने हिंदी जैसे खूबसूरत विषय में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। मुंशी प्रेमचंद हिंदी के लेखक ही नहीं बल्कि एक महान साहित्यकार, नाटककार, उपन्यासकार जैसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे।